Tuesday, August 4, 2009

गीत रक्षा-बंधन

रक्षा-बंधन बहन तेरे रक्षा-बंधन को मेरा शत शत अभिनन्दन ! सावन मॉस पूर्णिमा पावन भाई-बहन का पर्व सनातन , इस राखी की साख निभाने हुए निछावर कितने यौवन ! प्रबल आस्था का प्रतीक यह , भारतीय संस्कृति - दर्शन ! राखी के कच्चे धागे यह बने कवच मेरे जीवन का , तेरे ही आशीर्वचनों से महके घर नंदन-वन सा ! रक्षा-बंधन सा इस जग में, नहीं दूसरा कोई बंधन ! रहे प्रभुत्व अनंत तुम्हारा खिलते रहें सुयश के फूल , करें मंगलाचार ऋचाएं स्वस्ति-गान गूंजे दिग्कूल पारंपरिक अनोखा बंधन दो पवित्र रिश्तों का संगम ! बहन तेरे रक्षा-बंधन को मेरा शत शत अभिनन्दन ( इस रक्षा-बंधन पर्व पर आऊँ सबको याद मिले सभी बहनों को यह गीत मेरी सौगात ) कमल कमाल

2 comments:

संजीव गौतम said...

आपको भी रक्षाबन्धन की शुभकामनाएं. गीत भी बढिया है.

Kamal said...

आदरणीय संजीव जी,
शुभ कामना के लिए आभारी हूँ |
कमल