Sunday, April 12, 2009

चुनावी दोहे

भारी लग्न चुनाव की नेता खक्खासाह ,
ठौर ठौर पर हो रहे नोट वोट के ब्याह
नोट बटे तो वोटर ने शिकवे सारे दिए बिसार,
मतदाता मतपाता से गले मिले साभार
ज्योतिषियों की धूम मची है पोथी पत्रा रहे विचार
नेता जीते या हारे पर पगार ना रही उधार
भ्रष्टाचारी, बाहुबली चुन कर बना रहे सरकार,
सजायाफ्ता अपराधी भी मंत्रिपद के दावेदार

न्यायाधीश मूकदर्शक आचारसंहिता तार तार ,

अफसर चमचागीरी में रत सत्ता को सर्वाधिकार

सभी दलों पर अल्पसंख्यकों के वोटों का भूत सवार ,

लंबे चौडे वादे करते मनुहारों की है भरमार

संविधान की मूलभावना होती आयी शर्मसार

व्यक्ति की अभिव्यक्ति पर लगने लगे अंकुश अपार

करें विषवमन सत्ताधारी उनके क्षम्य चुनाव प्रचार ,

पर विपक्ष का वरुण विचारा रासुका का हुआ शिकार

छोड़ साईकिल हाथ जोड़ नेता पहुंचे जय हो दरबार ,

नहीं हाथ पर टिकट मिला तो हाथी पर हो गए सवार

नेताओं के चमचों की पोबारह का बना सुयोग ,

जेब भरी रहती नोटों से मुफ्त छक रहे मोहन भोग . कमल

Friday, April 3, 2009

रामनवमी

अपने युगपुरुषों के प्रति आज शेष कितना संवेदन ? भौतिक सुख के सम्मोहन में निपट स्वार्थरत डूबा मन। चहरे पर सैकड़ों मुखौटे बदला करते है नेतागण उनकी वाक्पटुता पर लज्जित होता स्वयं दशानन रावन । रामजन्मदिन रामलला के मन्दिर का दोहराते प्रण "प्राण जाएँ पर जाए ना वचन" कहाँ कभी होता पालन । सत्तासुख-सुविधा त्यागें करे लोकहित अर्पण तन-मन ऐसे कितने तत्पर होंगे राजपाट ताज करें वन गमन। महापर्व पर चिंतन मनन और कर सकें निज को अर्पण आत्मसात कर लें जीवन में पग पग पर उनके आचरण । मर्यादा-पुरुषोत्तम राम अर्चन वंदन करे सदा मन उनमें रच-बस कर ही होगा नित मर्यादाओं का पालन । _______________ रामनवमी राम का ही जन्म-दिन केवल नहीं श्री रामचरित-मानस का भी जन्म-दिन होता यही। आदर्श -पुरूष श्री राम की जीवनगाथा गाईये , परिवार में सबको समेत राम-कथा सुनाईये । "कमल"